शादी के लिए कुंडली में कितने गुण मिलने चाहिए?
कुंडली में मुख्य रूप से 8 चीजों का मिलान होता है जैसे गण, ग्रहमैत्री, नाड़ी, वैश्य, वर्ण, योनी, तारा और भकूट इन्हीं सब को मिलाकर कुल 36 गुण बनते हैं।
कुंडली न मिले तो क्या करे?
हां यदि कुंडली में मांगलिक दोष हो कालसर्प दोष हो, पाप कर्तरी योग हो तो कहीं भी संबंध स्थापित करने अथवा मिलान से पहले उनका परिहार/उपाय कर लेना चाहिए। मंगलीक कुंडलियों के लिए अति उत्तम उपाय है हर मंगलवार सांडों को गुड़़ डालना, मसूर की दाल मंदिर में देना अथवा जल-प्रवाह करना।
क्या शादी के लिए कुंडली मिलान जरूरी है?
भारतीय परिदृश्य में विवाह के समय कुंडली मिलान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि वैवाहिक संबंध कुंडली के माध्यम से ही तय होते हैं. अगर संबंधित युवक-युवती के ग्रह-नक्षत्र एक-दूसरे से मेल नहीं खाते तो अभिभावक विवाह करने का निर्णय तक त्याग देते हैं.
कुंडली मिलान क्या है?
शादी की बात शुरू होते ही वर-वधू की कुंडली मिलने की बात भी शुरू हो जाती है। दरअसल वर-वधू की कुंडली सामने रखकर उनके गुण मिलाए जाते हैं। गुण मिलान कुल 36 नंबर का होता है। अगर 50 प्रतिशत नंबर भी यानी 18 नंबर भी आ जाता है तो विवाह किया जा सकता है।